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लेखनी प्रतियोगिता -04-Mar-2023 धोखेबाज से इश्क

गजल

निगाहों के जादू ने  कुछ ऐसा काम कर दिया 
दिल में मुहब्बत का था खाली जाम भर दिया 

लरजते लबों की लाली ने लख्ते जिगर बना लिया 
चेहरे की मासूमियत ने मुझको दीवाना बना दिया 

पता नहीं था कि तुम  निगाहों से  कत्ल करते हो 
कस कस के वार कर के जिगर छलनी बना दिया 

जुल्फों में  छुपा के रखते हो  काले नागों के झुण्ड  
डसने को आशिकों को जाल ए जुल्फ बिछा दिया 

उलझाते हो अपनी  मोहिनी  मुस्कानों के भंवर में 
न जाने कितनों को मुहब्बत के भंवर में डुबा दिया 

सब कुछ लुटा के  हुस्न पे  तुझे जान पाये हैं दिलरुबा 
किस किस को कहें एक धोखेबाज से दिल लगा लिया 

श्री हरि 
4.3.23 


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6 Comments

Punam verma

05-Mar-2023 08:43 AM

Very nice

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Abhilasha Deshpande

04-Mar-2023 07:19 PM

बहोत बढिया सर

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Gunjan Kamal

04-Mar-2023 06:22 PM

सुंदर प्रस्तुति

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